Sanskrit Vyakaran Praveshika (संस्कृत व्याकरण प्रवेशिका)
₹195.00
Author | Dr. Baburam Saxena |
Publisher | Ramnarayanlal Prahlad Das |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 41st edition |
ISBN | - |
Pages | 453 |
Cover | Paper Back |
Size | 11 x 2 x 17 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | TBVP0081 |
Other | Dispatched In 1 - 3 Days |
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संस्कृत व्याकरण प्रवेशिका (Sanskrit Vyakaran Praveshika) संस्कृत-व्याकरण के विषय में कोई बात मौलिक कहना असंभव है. किन्तु विषय के प्रतिपादन में कुछ नवीनता हो सकती है। प्रस्तुत ग्रन्थ में हिन्दी भाषा के प्रयोगों से संस्कृत के व्याकरण की तुलना करके विषय को समझाने का प्रयत्न किया गया है। पाणिनि की परिभाषाओं को तथा प्रत्ययों के नामों को उसी रूप में रक्खा है, जिससे विद्यार्थी को आगे चलकर कठिनाई और भ्रम न हो। पाणिनि की पद्धति को समझाने का यथेष्ट प्रयत्न भी किया गया है। पाद-टिप्पणियों में सूत्र उद्धृत कर दिये गये हैं। उदाहरणों का बाहुल्य विषय को स्पष्ट करने के लिए रखखा गया है। परिशेषों में धावश्यक जानकारी की चीजें हैं। इस प्रकार पुस्तक को यथा-साध्य उपयोगी बनाने का उद्योग किया गया है।
हिन्दी के माध्यम से अब ऊँची से ऊँची शिक्षा दी जायगी। इस दृष्टि से वर्तमान संस्करण में यथेष्ट परिवर्धन कर दिया गया है। आशा है कि वी० ए० तक के विद्यार्थियों के लिए यह उपयोगी सिद्ध होगा। परिवर्धन के कार्य में श्री विद्यानिवास मिश्र ने प्रारम्भिक थोड़े से अंश में और शेष समस्त अंश में डा० आद्यासाद मिश्र ने पर्याप्त मदद दी है। प्रथम संस्करण में मेरे पुराने शिष्य पं० रामकृष्ण शुक्ल ने सहायता दी थी। प्रस्तुत संस्करण के प्रूफ आदि देखने का सारा भार उन्हीं के ऊपर था। जिस लगन और परिश्रम से शुक्लं जी ने अपना काम निभाया है, उसे देखकर प्रसन्नता होती है। मैं इन तीनों शिष्यों का आभार मानता हूँ।
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