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Shiv Dristhi (शिवदृष्टिः)

255.00

Author Dr. Radhe Shyam Chaturvedi
Publisher Sharda Sanskrit Sansthan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 3rd edition, 2016
ISBN -
Pages 313
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code SSS0095
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Description

शिवदृष्टिः (Shiv Dristhi) ‘शिवदृष्टि’ काश्मीर शिवाद्वैतदर्शन का, दार्शनिक पक्ष को प्रस्तुत करने वाला प्रथमतम ग्रन्थ है। सोमानन्द को यह कृति खण्डनमण्डन की प्रक्रिया को अपना कर शैवदर्शन की दार्शनिक सूक्ष्मता और विलक्षणता को स्पष्ट करती है। नवीं शताब्दी के अन्तिम भाग में वर्त्तमान इस विद्वान ने प्रत्यभिज्ञादर्शन की नींव डाली और इनसे ही शिष्यों की एक परम्परा चली जिनमें उत्पलदेव, अभिनवगुप्त आदि सुप्रसिद्ध हैं।

‘तर्कस्य कर्ता’ के रूप में सम्भावित सोमानन्द की यह कृति निःसंशय दुरूह है। इस पर स्वयं सोमानन्द की वृत्ति तो अनुपलब्ध है पर उनके योग्य शिष्य उत्पलदेव की वृत्ति पायी जाती है। दुर्भाग्यवश वह भी अपूर्ण ही है। यथास्थित इसी दिशा में इस महत्वपूर्ण ग्रन्थ का प्रथम प्रकाशन काश्मीर से हुआ था जो आज सर्वथा अप्राप्य बन चुका है। अतः इस ग्रन्थ के लिए विद्वानों की जिज्ञासा दीर्घकाल से अपरितृप्त रही है।

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