Shri Durga Pujan Havan Paddhati (श्री दुर्गापूजन हवन पद्धतिः)-511
₹32.00
Author | Shri Rajeshwar Rav |
Publisher | Rupesh Thakur Prasad Prakashan |
Language | Sanskrit |
Edition | 1st edition, 2012 |
ISBN | 511-542-2392545 |
Pages | 48 |
Cover | Paper Back |
Size | 22 x 0.5 x 13 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | RTP0027 |
Other | Dispatched In 1 - 3 Days |
10 in stock (can be backordered)
CompareDescription
श्री दुर्गापूजन हवन पद्धतिः (Shri Durga Pujan Havan Paddhati) नवरात्रि का समापन नवमी तिथि पर हो जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा के साथ साथ उनके नाम से हवन भी किया जाता है। कहते हैं हवन से संतुष्ट होकर देवी देवता भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। हवन करने से मन को पवित्र होता ही है साथ ही घर में भी सकारात्मकता बनी रहती है। मान्यताओं के अनुसार, नवमी तिथि के दिन हवन करने से बहुत ही शुभ फल मिलेगा। इस दिन जो हवन किया जाता है वह भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करता है।
माता दुर्गा के हवन को प्रारंभ करने से पहले ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ का जप करें। इस मंत्र का कम से कम 108 बार जप करते हुए हवन कुंड में आहुति डालें। सबसे अंत में खीर और शहद मिलाकर हवन कुंड में आहुति दें। सबसे अंत में ब्रह्माजी और शिवजी के नाम से भी आहुति डालें। हवन की समाप्ति के बाद भगवान गणेश और मां दुर्गा की आरती करें। हवन समाप्त होने के बाद नारियल सुपारी अग्नि में जरूर डालें। हवन की समाप्ति के बाद कन्याओं को भोजन जरुर कराएं।
Reviews
There are no reviews yet.