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Shri Ram Chintan (श्रीरामचिन्तन)

30.00

Author Hanuman Prashad Poddar
Publisher Gita Press, Gorakhapur
Language Hindi
Edition 18th edition
ISBN -
Pages 174
Cover Paper Back
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code GP0181
Other Code - 340

 

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Description

श्रीरामचिन्तन (Shri Ram Chintan) भगवान् श्रीराम साक्षात् परब्रह्म हैं। निराकार, अखिलात्मन, अविनाशीतत्त्व- परमात्मा ही लोक, वेद तथा धर्मकी रक्षाके लिये मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामके रूपमें अवतीर्ण हुए।

बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार।

श्रीरामकी भुवनमोहिनी छवि चराचरको विश्रान्ति प्रदान करनेवाली और अखिल लोकके लिये मंगलकारी उनका प्राकट्य जीवमात्रके लिये परम विश्रामदायक है-

‘जगनिवास प्रभु प्रगटे अखिल लोक बिश्राम।’

जिस प्रकार पूर्ण परमेश्वर-तत्त्वका ‘श्रीकृष्णावतार’ लोकरंजनके लिये हुआ था, उसी प्रकार श्रीरामके रूपमें वही परमात्म-तत्त्व लोक-शिक्षणके लिये अवतरित हुआ। भगवान् श्रीकृष्णका चरित्र महान्, अलौकिक, दिव्य गुणगणों और सौंदर्य, माधुर्य, ऐश्वर्य तथा सामर्थ्यसे युक्त होनेके कारण उसका अनुकरण सम्भव नहीं है, पर उनकी दिव्य वाणी (श्रीमद्भगवद्‌गीता आदि) और कथन सर्वथा धारण करने योग्य और सदैव कल्याणकर हैं। किंतु मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामका तो वचन तथा उपदेशोंसहित समग्र चरित्र ही सुमर्यादित, परमपावन, उच्चादर्शमय, परममंगलकारी और सदा सेवनीय होनेसे अवश्य अनुकरणीय है। परम श्रद्धेय नित्यलीलालीन भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारद्वारा इस पुस्तकमें ‘श्रीराम-चिन्तन’ के रूपमें पर्याप्त रोचक और प्रेरक सामग्री संयोजित की गयी है।

श्रीसीतारामजीके दिव्य युगलरूपके ध्यानसहित, माता कौसल्या, सुमित्रा, श्रीलक्ष्मण और देवी उर्मिला आदिके अनेक उदात्त चरित्रोंपर भी मनीषी लेखकने इसमें सुन्दर प्रकाश डाला है। सरल, सुबोध भाषामें प्रभु श्रीरामकी स्वभावगत और चरित्रगत विशेषताओंसहित उनके जीवनादशौँका इसमें महत्त्वपूर्ण रेखांकन हुआ है। श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण, श्रीरामचरितमानस एवं तुलसी-साहित्यकी प्रमुख रचनाओं-गीतावली, कवितावली आदिके उद्धरणोंद्वारा इसके ललित लीलाप्रसंग और भी अधिक रोचक, सरस और मर्मस्पर्शी बन गये हैं। भगवद्भावोंसे अभिभूत करने और जीवनको उच्चताकी ओर ले जानेमें सहायक इसकी सामग्री सबके लिये हितकारी है और उपयोगी मार्ग-दर्शक सिद्ध हो सकती है। अतएव सभी प्रेमी पाठकों, जिज्ञासुओं और साधकोंको इससे अधिकाधिक लाभ उठाना चाहिये।

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