Sri Somvati Vrat Katha (श्री सोमवती व्रत कथा)
₹20.00
Author | - |
Publisher | Shri Durga Pustak Bhandar Pvt. Ltd. |
Language | Hindi |
Edition | - |
ISBN | - |
Pages | 24 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | SDPB0039 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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श्री सोमवती व्रत कथा (Sri Somvati Vrat Katha) सोमवती अमावस्या को पीपल वृक्ष के मूल (जड़) में लक्ष्मी नारायण के पूजन का विधान है। व्रत का संकल्प करके पीपल के मूल में लक्ष्मी नारायण की स्थापना करे तथा जल चढ़ाकर पीपल में सूत लपेट दे। भगवान का ध्यान करके पत्र, पुष्प, फल, मिष्ठान, वस्त्र, गन्ध आदि अर्पण करे, फिर हाथ जोड़कर प्रेम पूर्वक प्रार्थना करके आरती करे तथा पीपल की १०८ प्रदक्षिणा करे। इस व्रत को करने से भगवान पुत्र, पौत्र, धन-धान्य तथा सभी मनोवांछित फल व्रती को प्रदान करते हैं।अथ सोमवती अमावस्या कथा प्रारम्भ होती है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की उपासना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति सोमवती अमावस्या की व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही अखंड़ सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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