Sri Venkateshwar Shatabdi Panchang (श्री वेङ्कटेश्वर शताब्दी पंचांग सम्वत 2001-2100)
₹1,300.00
Author | Pt. Ishwar Datt Sharma |
Publisher | Khemraj SriKrishna Das Prakashan, Bombay |
Language | Sanskrit |
Edition | 2023 |
ISBN | - |
Pages | 1456 |
Cover | Hard Cover |
Size | 19 x 7 x 26 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | KH0059 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
10 in stock (can be backordered)
CompareDescription
श्री वेङ्कटेश्वर शताब्दी पंचांग (Sri Venkateshwar Shatabdi Panchang) परम पिता परमात्मा की असीम अनुकम्पा से आज “श्री वेङ्कटेश्वर शताब्दि-पञ्चाङ्गः” जनता के समक्ष प्रस्तुत हो सका है। इसके निर्माण एवं मुद्रणादि कार्यों में जो कठिनाइयों उपस्थित हुई हैं, उनका वर्णन कर सकना कठिन है। इस कार्य की महत्ता इसीसे परिलक्षित है, कि विश्व-इतिहास में यह प्रथम प्रयास है। आज तक किसी विद्वान् अथवा संस्था ने इस महान् कार्य को सम्पादित नहीं किया। पञ्चाङ्ग रचना कौशल के साथ ही साथ दृढ निश्चय, स्वार्थत्याग, चित्त स्वास्थ्य, शरीर सम्पत्, स्वदेशा-भिमान, दीर्घ आयु आदि अनेक सम्भावनाओं के होने पर ही ऐसे कार्यों की पूति सम्भव है।
इसमें किये गये गणित सम्बन्धी अंकजाल को देखकर दिग्गज विद्वान् भी विस्मय विमुग्ध हो रहेंगे। एक वर्ष के पंचांग निर्माण में गणित कर्ता को ५०००० पचास हजार कोष्ठकों से साक्षात्कार होता है। यदि साधारण भी भूल हो जाय तो सम्पूर्ण गणित अशुद्ध हो जायगा। इस तरह एक सौ वर्ष का पंचांग बनाने में ५०००००० पचास लाख कोष्ठकों की रचना व गणना करनी होगी। इतना सब करने पर केवल पांच अङ्ग (तिथि वार, नक्षत्र, योग, करण) और ग्रह स्पष्ट ही तैयार होते है। चन्द्रचार, ग्रहों के राशि नक्षत्र चार, व्रतोत्सवादि, विवाह मुहूर्त, दशाधिकारियों का निर्णय और उनका फल, संक्रान्ति फल, कुण्डली लेखन, ग्रहण गणित, पातगणित, गुरु शुक्रादि के उदयास्त गणित आदि कितने ही महत्व के कार्य शेष ही रह जाते हैं। श्री बेडुटेश्वर शताब्दि-पंचांग की गणित श्री सरस्वती पंचांग कार्यालय नवलगढ़ के तत्वावधान में हुई है। मेरे सम्पादन तथा अनेक विद्वानों के कई दशाब्दियों के परिश्रम का फल ही जनता के समक्ष आज प्रस्तुत है।
Reviews
There are no reviews yet.