Loading...
Get FREE Surprise gift on the purchase of Rs. 2000/- and above.

Shraddh Vidhi Sangrah (श्राद्ध विधि संग्रह)

50.00

Author Pt. Devnarayan Gaud
Publisher Daivagya Mandir Kanpur
Language Hindi Text Sanskrit Translation
Edition 2nd edition
ISBN -
Pages 68
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code RTP0097
Other Dispatched in 1-3 days

 

9 in stock (can be backordered)

Compare

Description

श्राद्ध विधि संग्रह (Shraddh Vidhi Sangrah) इस समय लेकर पण्डितों में विचारों की श्राद्ध पद्धति को बहुत ही भिन्नता दृष्टिगोचर होती है। श्राद्ध विषय पर कई आचार्यों ने अपने अपने मत प्रकार किये हैं। जिन विभिन्न मतों के कारण से नये विद्यार्थियों को विषय को समझने में कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ता है, क्योंकि पद्धतियों में वही विषय घुमा फिरा लिखने से विषय क्लिष्ट हो जाता है। प्रस्तुत पुस्तक में श्राद्ध जैसे विषय को अधिक सरलतम बनाने का प्रयास किया है, जिससे प्रत्येक विद्यार्थी विषय को एक बार देखकर समझकर कुशलता के साथ विधिवत् श्राद्ध सम्पादन करा सकता है। यदि इससे पण्डित वर्ग सफलता की प्राप्ति होती है तो हम अपना परिश्रम सफल मानेंगे।

श्राद्ध के सम्बन्ध में कुछ ध्यान करने योग्य बातें

१. श्राद्ध में कुतुपकाल दिन में १२ से २ के बीच होता है। दौहित्र, तिल आदि का विशेष महत्व है।

२. श्राद्ध के भोजन में बेसन तथा तेल का प्रयोग बहुमत से वर्जित है।

३. पार्वण श्राद्ध में ब्राह्मण भोजन कराने के बाद ब्राह्मणों से पूछें कि शेष अन्न का क्या करें, किन्तु एकोदिष्ट श्राद्ध में यह विधान नहीं है।

४. श्राद्ध में पिण्डदान के बाद आरती करना निषेध है। बाजे बाजे मन्त्र से तिल छोड़कर पितरों के विसर्जन का विधान है। आरती या बाजा इत्यादि निषेध है। श्राद्ध में उड़द का ग्रहण विशेष रूप से होता है।

५. ब्राह्मण भोजन में स्टील के बजाय मिट्टी के पात्र तथा पत्तलों का प्रयोग श्रेष्ठ है।

६. विश्वेदेवाओं के पूजन में सव्य होकर तथा पितरों के पूजन में अपसव्य होकर करना चाहिए।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Shraddh Vidhi Sangrah (श्राद्ध विधि संग्रह)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Navigation
×