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108 Chalisa Path Sangrah (108 चालीसा पाठ संग्रह)

255.00

Author Somnath Bajpeyi
Publisher Rupesh Thakur Prasad Prakashan
Language Hindi
Edition 2013
ISBN 551-542-2393541
Pages 272
Cover Hard Cover
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code RTP0132
Other Code - 551

 

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Description

108 चालीसा पाठ संग्रह (108 Chalisa Path Sangrah) गणेशजी विघ्नहर और सर्वसुखदायक हैं, इसीलिए सामान्यतः सभी धर्मानुष्ठानों में सबसे पहले इन्हीं की पूजा होती है। संकष्टीगणेशचतुर्थी तिथी को इनकी विशेष पूजा होती है। इन्हें मालती की पत्र-पुष्प, सफेद और हरी दूर्वा तथा भंगरैया की पत्ते विशेष प्रिय हैं। बैर, धतुरे, शमी, उपामार्ग, अर्जुन की पत्ते और देवदारु, केवड़े के फूल चढ़ाने से भी ये प्रसन्न होते हैं।

सभी देवियों की पूजा में रक्तवर्ण के पुष्प और माला चढ़ाने का विधान है। जैसे—लाल कमल, केशर, पलाश, चमेली, अड़हुल, शमी अशोक के पुष्प, माधवी, कदंब का लाल फूल चढ़ाये जाते हैं। देवी को मदार का फूल नहीं चढ़ाना चाहिये, मदार का फूल देवियों के लिए निषिद्ध है।

प्रस्तुत पुस्तक में सभी प्रमुख देवी-देवताओं के चालीसा पाठ दिये गये हैं, साथ ही देवी-देवताओं के स्तोत्र, सूक्त, आरती के साथ कुछ भजन भी दिये गये हैं। जो पाठकों को पढ़ने व चालीसा पाठ करने में सरल एवं सुगम होंगे। संसार में कहीं भी रहने वाले भारतीय परिवारों में स्त्री-पुरुष किसी- न-किसी देवी या देवता की पूजा करते व व्रत रखते हैं। साथ ही समय- समय पर पड़ने वाले एकादशी, चतुर्दशी एवं पूर्णिमा के व्रत और पूजा भी लोग करते हैं, जिससे उनकी मनोकामना पूर्ण होती है।

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