Aashauch Shanti Havan Vidhi (आशौच शांति हवन विधि)
₹20.00
Author | Shri Dhar Shastri |
Publisher | Shastri Prakashan |
Language | Sansakrit |
Edition | 1st edition, 2019 |
ISBN | - |
Pages | 48 |
Cover | Paper Back |
Size | 18 x 0.5 x 12 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | SP0037 |
Other | Dispach in 1-3 days |
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CompareDescription
आशौच शांति हवन विधि (Aashauch Shanti Havan Vidhi) सनातन धर्म है; किसी प्राणी की मृत्यु के पश्चात् उसकी और्ध्व दैहिक क्रिया करनी चाहिए। एतदर्थ, दाह क्रिया से लेकर एक वर्ष पर्यन्त पिण्डदान आदि करने का प्रावधान शास्त्रों में निहित है, किन्तु आजकल इतना समय तथा अवकाश किसी के पास नहीं है कि वह दाह क्रिया करके दस दिन तक छूरी-लोटा लेकर अलग बैठे और अपना भोजन आदि स्वयं बनाए। आज प्रत्येक व्यक्ति इतना व्यस्त है कि तीन दिन की क्रिया सम्पन्न कर लेना चाहता है। तीन दिन की क्रिया में घट आदि नहीं बांधा जाता बल्कि अस्थि विसर्जन के बाद चौथे दिन शान्ति हवन कर अशौच से निवृत्ति हो जाती है। कुछ समाज में चौथा रस्म भी होता है। यह पद्धति केवल मृतात्मा की शान्ति, गृह शुद्धि, अशौच निवृत्ति के साथ ही प्रतिवर्ष प्राणी की मृत्यु तिथि पर होने वाले हवन-यज्ञ के लिए ही है। इसी विधि से प्रतिवर्ष मृत्यु तिथि पर भी हवन करें-कराएँ। पुस्तक के अन्त में पुरुष सूक्त तथा संस्कार विधि में उल्लिखित्त स्वस्ति वाचन एवं शान्तिकरण मंत्र भी दिए गए हैं। आवश्यकतानुसार इन मंत्रों का उपयोग पुरोहित वर्ग कर सकते हैं।
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