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Bhagwan Sada Tumhare Sath Hai (भगवन सदा तुम्हारे साथ है)

20.00

Author Hanuman Prashad Poddar
Publisher Gita Press, Gorakhapur
Language Hindi & Sanskrit
Edition -
ISBN -
Pages 128
Cover Paper Back
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code GP0171
Other भगवन सदा तुम्हारे साथ है भाग-3 {Code - 360}

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Description

भगवन सदा तुम्हारे साथ है (Bhagwan Sada Tumhare Sath Hai) मन तरंगोंका समुद्र है। ‘शिव’ के मनमें भी अनेक तरंगें उठती हैं, उन्हींमेंसे कुछ तरंगें लिपिबद्ध भी हो जाती हैं और उन्हीं अक्षराकारमें परिणत तरंगोंका यह एक छोटा-सा संग्रह प्रकाशित हो रहा है। इस संग्रहमें पुनरुक्ति और क्रमभंग दोष दिखायी देंगे, तरंगें ही जो ठहरीं। यह सत्य है कि तरंगोंके पीछे भी एक नियम काम करता है और वहाँ भी एक नियमित क्रमधारा ही चलती है, परन्तु उसे हम अपनी इन आँखोंसे देख नहीं पाते। हमें तो हवाके झोंकोंके साथ-साथ तरंगोंके भी अनेकों क्रमहीन और अनियमित रूप दीख पड़ते हैं। सम्भव है सूक्ष्मदृष्टिसे देखनेवाले पुरुषोंको इस तरंग- संग्रहमें भी किसी नियमका रूप दिखलायी दे। ‘शिव’ को इससे कोई मतलब नहीं। ‘शिव’ ने तो प्रकाशकोंके कहनेसे इतना ही किया है कि इधर-उधर बिखरे वाक्योंको एकत्रकर उनपर कुछ शीर्षक बैठा दिये हैं। पाठकोंका इससे कोई लाभ या मनोरंजन होगा या नहीं, इस बातको ‘शिव’ नहीं जानता। यह दूसरे भागका निवेदन है। इसी निवेदनके साथ यह तीसरा भाग प्रकाशित हो रहा है।

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