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Shree Krishna Bal Madhuri (श्रीकृष्णाबाल माधुरी)

40.00

Author Sudarshan Singh
Publisher Gita Press, Gorakhapur
Language Sanskrit & Hindi
Edition -
ISBN -
Pages 272
Cover Paper Back
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code GP0170
Other Code - 62

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Description

श्रीकृष्णाबाल माधुरी (Shree Krishna Bal Madhuri)  श्रीसूरदासजी हिंदी साहित्य-गगनके सूर्य तो हैं ही, बाल- वर्णनके क्षेत्रमें भी सम्राट् हैं- यह बात सर्वमान्य है। उनके दिव्य नेत्रोंके सम्मुख उनके श्यामसुन्दर नित्य क्रीड़ा करते हैं। सूर कल्पना नहीं करते, वे तो देखते हैं और वर्णन करते हैं। इसीलिये उनकी वाणी इतनी सजीव है, इतनी ललित है, इतनी मर्मस्पर्शिनी है।

अनन्त-सौन्दर्य-माधुर्यघन श्रीश्यामसुन्दरकी बालमाधुरीका वर्णन जो सूरकी सरस वाणीसे हुआ है, रसका सर्वस्व-सार है। उसका गान करके वाणी पवित्र होती है, उसका चिन्तन करके हृदय परिशुद्ध होता है, उसके श्रवणसे श्रवण सार्थक हो जाते हैं। श्रीकृष्णबाल माधुरी में सूरसागरके ३३५ पदोंका संग्रह है। इसमें श्रीकृष्णचन्द्रकी शिशु-लीलाके मधुर मंजुल पद ही लिये गये हैं।

पदोंका सरल भावार्थ दिया गया है तथा अन्तमें पदोंमें आये मुख्य कथाप्रसंग दे दिये गये हैं। प्रारम्भमें पदोंकी अकारादि क्रमसे सूची भी दे दी गयी है। पदोंके पाठ तथा भावार्थ करनेमें कोई त्रुटि रही हो तो सूचना मिलनेपर उसे आगामी संस्करणमें सुधारा जा सकेगा। आशा है यह सानुवाद-संग्रह सभी साहित्य-प्रेमियों, सूर-साहित्यके अध्ययन करनेवालोंको प्रिय होगा। भगवान् श्रीश्यामसुन्दरके प्रियजनोंको तो प्रिय होगा ही और वे इसे पाकर प्रसन्न होंगे।

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