Bharatiya Sanskriti Vividha Ayam (भारतीय संस्कृति विविध आयाम)
₹315.00
Author | Shashi Prabha Kumar |
Publisher | Vidyanidhi Prakashan, Delhi |
Language | Sanskrit Text With Hindi Translation |
Edition | 2021 |
ISBN | 81-86700021 |
Pages | 186 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | VN0016 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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भारतीय संस्कृति विविध आयाम (Bharatiya Sanskriti Vividha Ayam) ‘संस्कृति’ का अर्थ वह शिक्षा-दीक्षा है जिससे मनुष्य अपनी ‘प्रकृति’ से परिमार्जित होकर उन्नति की ओर अग्रसर हो तथा ‘विकृति’ से बचा रह सके। भारतीय संस्कृति में मानवमात्र के लिए सत्य, शिव और सुन्दर का सन्देश है। इसीलिए सहस्रों वर्षों से उसकी परम्परा अविच्छिन्न है और नाना प्रकार की संस्कृतियों के आक्रमण सहकर भी यह न केवल अपने अनन्य स्थान पर स्थिर रही, अपितु इसने अपनी समसामयिक संस्कृतियों पर अपने प्रभाव की अमिट रेखायें भी अंकित कीं।
भारत यथार्थतः ‘भा-रत’ (आभा से देदीप्यमान) रहे और हममें भारतीय होने का सहज स्वाभिमान जागे, इसके लिए हमें गम्भीरता से भारतवर्ष के वास्तविक गौरव और उसकी अन्तरात्मा में रची-बसी भारतीय संस्कृति से भलीभाँति परिचित होना अनिवार्य है। इसलिए ‘भारतीय संस्कृति के सनातन सन्देशों’ तथा ‘भारतीय संस्कृति की अविच्छिन्नता और संजीवनी शक्ति’ के प्रचार की आज प्रचुर आवश्यकता है।
प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय सांस्कृतिक सम्पदा के विविध आयाम उद्घाटित किये गये हैं-एक ओर वेद, वैदिक संस्कृति और वैदिक धर्म; उपनिषद्, गीता और मनुस्मृति में सन्निहित भारतीय संस्कृति के पावन आदर्शों को सरल, बोधगम्य शैली में प्रस्तुत किया गया है तो दूसरी ओर भारतीय संस्कृति में अहिंसा, कर्म-सिद्धान्त एवं वर्ण-व्यवस्था तथा राष्ट्र-प्रतीकों की विशद व्याख्या की गई है। भारतीय संस्कृति में समन्वय-भावना, भारतीय धार्मिक चिन्तन में ईश्वर का स्वरूप तथा भारतीय संस्कृति में नारी-अस्मिता जैसे विविध विषयों का संकलन इसकी महत्ता को द्विगुणित करते हैं।
भारतीय संस्कृति के उन्नायक श्रीराम का पुनीत चरित्र इसे गरिमा प्रदान करता है तो वर्तमान भारत की सांस्कृतिक चुनौतियाँ सांस्कृतिक संकट की ओर इंगित करती हैं किन्तु आधुनिक जीवन में पूर्णयोग उसे अपने परम लक्ष्य की ओर उन्मुख होने की प्रेरणा प्रदान करता है आशा है कि पाठक बार-बार इन लेखों को पढ़कर व मनन कर अपने तथा अपने परिवार के साथियों को उन्नति के पथ पर चलने को प्रेरित करेंगे।
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