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Brihad Vastu Mala Prayog (बृहद् वास्तुमाला प्रयोगः)

45.00

Author Dr. Harishankar Pathak
Publisher Bharatiya Vidya Sansthan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 1st edition, 1992
ISBN -
Pages 216
Cover Paper Back
Size 12 x 2 x 19 (l x w x h)
Weight
Item Code BVS0105
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Description

बृहद वास्तुमाला प्रयोगः (Brihad Vastu Mala Prayog) मानव मात्र के लिए आवास की समस्या उसकी मूल समस्याओं में से एक है। प्रथमतः मनुष्य के लिए भोजन इसको प्रधान समस्या थी। क्षुधापूर्ति के अनन्तर वह आश्रय की खोज में प्रवृत्त हुआ होगा। इस खोज के फलस्वरूप उसने प्राकृतिक गुफाओं को आश्रय बनाया। उसमें भी जब वह अपने को असुरक्षित अनुभव किया। कालान्तर में सभ्यता के विकास के साथ आवासों के विभिन्न आयामों का विस्तार हुआ। उसो खोज के फलस्वरूप आज हमे भिन्न-भिन्न प्रकार की अट्टालिकायें देखने को मिलती है।

पूर्वाचायों ने आवास समस्या को भी व्यवस्थित करने के लिए वास्तु शास्त्र की रचना की। इसमें उन्होंने गृह निर्माण हेतु कुछ मानक स्थापित किये । किन्तु उनके ये वचन यत्र-तत्र विभिन्न ग्रन्थों में बिखरे हुए थे। फिर इन वचनों को एकत्र कर ग्रंथ रूप में बाँधने की चेष्टा पूर्वाचार्यों ने की। इस प्रक्रम में श्रीधुरन्धर शर्मा की वास्तुमाला, पं० थी विन्धेश्वरी प्रसाद द्विवेदी को वास्तुरत्नाकर, पं० श्री मातृ प्रसाद की वास्तु-सारिणी, पं० श्री गणेश दत्त पाठक की वास्तुप्रदोष आदि ग्रंथ आज उपलब्ध हैं। उपयुक्त ग्रंथों को अनुपलब्धता के कारण इस संग्रह को पुनः प्रकाशित करने में प्रवृत्त हुआ। फलतः आज यह वृहद् वास्तुमाला प्रयोग आपके हाथ में है। इस पुस्तक में वास्तुशास्त्र की दृष्टि से विचारणीय सभी विषयों जैसे, भूमिलक्षण, भूमिशोधन, शल्यानयन, पिण्डसाधन, आयादि सौधन सोदाहरण, दकार्गल, गृह वाटिका आदि के साथ वृक्षायुर्वेद, वृक्षसेचन, रोपण, वृक्षों के रोगादि और उनकी चिकित्सा इत्यादि का समावेश किया गया है। अन्त मे पिण्ड-सारिणी एवं शिलान्यास और वास्तुशान्ति को पद्धति दी गई है।

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