Dhumavati Mahavidya (धूमावती महाविद्या)
₹276.00
Author | Goswami Prahlad Giri |
Publisher | Chaukhambha Krishnadas Academy |
Language | Hindi & Sanskrit |
Edition | - |
ISBN | 978-81-218-0290-3 |
Pages | 340 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0649 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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धूमावती महाविद्या (Dhumavati Mahavidya) प्रस्तुत ग्रन्थ ‘गुरु श्रीदक्षिणामूर्त्ति सिद्ध’ की परम्परा के अन्तर्गत ‘श्री धूमावती महाविद्या’ की उपासना का एक सम्पूर्ण निर्देशक है। लोक में ‘धूमाशक्ति’ ही ‘श्रीधूमावती महाविद्या’ के नाम से जानी जाती है। ‘श्रीधूमावती महाविद्या’ की उपासना ‘श्रीविद्या’ के अन्तर्गत निरूपित है। इसमें श्रीयन्त्ररूपी दश चक्रात्मक श्रीधूमावती-यन्त्र की अर्चना की जाती है। इस यन्त्र में अधिष्ठात्री पीठशक्ति ‘श्रीधूमावती महाविद्या’ देवता के रूप में प्रतिष्ठित है। यहाँ पर श्रीदक्षिणामूर्त्ति ‘शिव’ ही गुरु हैं; श्रीधूमावती महाविद्या का सर्वविद्वेशक बीजरूपी पारम्परिक मन्त्र ही ‘श्रीधूमावती-मन्त्र’ है। इसकी उपासना से यन्त्रात्मक फलोपलब्धि के साथ-साथ विशेषतः समाज के कल्याण के लिए साधक को समस्त शत्रुओं के मध्य पारस्परिक विद्वेषण उत्पन्न करने तथा प्राणि मात्र के हृदय से द्वेष की भावना को समाप्त करने की शक्ति भी प्राप्त होती है। यह षोडशानना श्रीमहाशोडषी पराशक्ति इच्छाज्ञान क्रियात्मिका श्री महानिपुरसुन्दरी की सर्वविद्वेषण सिद्धकारी महाविद्या है।
प्रस्तुत ग्रन्थ के ‘ज्ञानखण्ड’ में श्रीविद्यात्मिका श्री धूमावती महाविद्या के पारम्परिक अत्यन्त गूढ़ रहस्यों का निरूपण सरल भाषा में किया गया है; जबकि ‘सपर्याखण्ड’ के अन्तर्गत अपने आप दीक्षित होने की विधि, पूजाविधि तथा वन्दना का निरूपण हुआ है। यह एक सम्पूर्ण पद्धति है। ग्रन्थ का मूल संस्कृत तथा अनुवाद हिन्दी भाषा में निरूपित है। यह संस्करण श्रीविद्या के अन्तर्गत ‘श्रीधूमावती महाविद्या’ की पारम्परिक उपासना का अत्यन्त उपयोगी ग्रन्थरत्न है।
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