Kashi Khand (काशी खण्ड)
₹500.00
Author | Dandi Swami, Shivanand Sarasvas |
Publisher | Shri Vishnu Prakashan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | - |
ISBN | - |
Pages | 416 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | SVP0024 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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काशी खण्ड (Kashi Khand) काशी के प्रचलित नाम हैं-बनारस और वाराणसी। पुराणों में इसे अविमुक्त क्षेत्र, पुष्पवति, आनंदवन, रुद्रक्षेत्र, शिवपुरी आदि नामों से भी संबोधित किया गया है। इसे राजा देवदास (रिपुंजय) ने, जिनका जन्म स्वायंभुव मन्वंतर में मनु के कुल में हुआ था, बसाया था।
ऐसी मान्यता है कि काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर स्थापित है, इसलिए यह तीनों लोकों से न्यारी है। इस महाश्मशान नगरी में जो अपने शरीर का त्याग करता है, वह पुण्य लोगों में निवास करने के बाद सदा-सदा के लिए सदाशिव का सानिध्य प्राप्त करता है अर्थात् जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है।
विश्व में काशी ही एकमात्र ऐसा दिव्य तीर्थ है, जहां 3 नदियां, 8 कूप, 11 कुंड, 84 घाट, 1 ज्योतिर्लिंग, 29 छंद, अष्ट रुद्र, अष्ट भैरव, 218 देवियां, हनुमान पीठ, अष्ट यात्राएं, शक्तिपीठ, देवताओं एवं ऋषियों द्वारा स्थापित 324 शिवलिंग और 21 शिवमूर्तियां स्थापित हैं।
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