Nandi Puran (नांदि पुराण)
₹2,000.00
Author | Lakshmi Narayan Nandwana |
Publisher | New Bharatiya Book Corporation |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2010 |
ISBN | 81-8315-113-2 |
Pages | 624 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | NBBC0087 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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नांदि पुराण (Nandi Puran) नांदी पुराण अथवा नांदी पुराण माहात्म्य अठारह पुराणों में से एक पुराण है। यह अग्नि पुराण का ही एक हिस्सा है। इसमें पुराण विषयों के वर्णन के साथ ही महत्वपूर्ण शास्त्रों के अनेक विषयों का क्रमबद्ध विवेचन प्राप्त होता है। नांदी पुराण का अपना विशिष्ट महत्व है क्योंकि इसमें नन्दवाना ब्राहमण समाज के शास्त्रीय इतिहास का विवेचन है। भारतीय समाज में पुराणों का विशेष महत्व है। पुराण धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से देश की अमूल्य निधि है। इनके सम्बंध में कहा जाता है:
सर्गश्च प्रतिसर्गश्च वंशो मन्वन्राणि च।
वंशानुचरिंत चैन पुराणं पंचलक्षणम्।।
यह सृष्टि किससे और किस प्रकार हुई ? इसका लय कहाँ और किस प्रकार विकास होगा? सृष्टि के पदार्थों की उत्पत्ति का क्रम किस प्रकार का है या मनुष्य जाति के प्रमुख ऋषि और राजा किस क्रम से अधिकारारूढ़ हुए ? उनके चरित्र कैसे थे ? सृष्टि और प्रलय के बीच समय कितना लगता है? इन पांचों कथनों की विवेचना जिसके द्वारा की जाती है उसे पुराण कहते हैं। पुराण का उद्देश्य घटनाओं का तिचिक्रम से विवरण देना नहीं, अपितु जीवन के शाश्वत मूल्यों का प्रस्तुतीकरण है, पुराण में ऐसे सिद्धांतों का विवेचन मिलता है जो महापुरूषों के जीवन में घटित होते हुए राष्ट्र के सांस्कृतिक उत्थान में योग देते हैं।
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