Loading...
Get FREE Surprise gift on the purchase of Rs. 2000/- and above.
-25%

Sampurna Shilanyas Paddhati (सम्पूर्ण शिलान्यास पद्धतिः)

38.00

Author Dr. Devnarayan Sharma
Publisher Shri Kashi Vishwanath Sansthan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 2024
ISBN 978-93-92989-84-1
Pages 64
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code TBVP0452
Other Dispatched in 1-3 days

 

10 in stock (can be backordered)

Compare

Description

सम्पूर्ण शिलान्यास पद्धतिः (Sampurna Shilanyas Paddhati) संसार के सभी प्राणियों को निवास के लिए घर की आवश्यकता होती है। सृष्टि के सवर्वोत्तम प्राणी मानव को अपने गृह-निर्माण हेतु कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है, ताकि घर में निवास करते हुए उसे व्याधिरहित सुख, शान्ति का अनुभव हो। हमारे शस्त्रकारों ने गृह-निर्माण के सभी पक्षों पर गहन विचार किया है यथा- भूमि कैसी हो? भूमि परीक्षण, भूमिशोधन, वास्तु की दृष्टि से गृहद्वार, शयनकक्ष, देवस्थान, रसोई, अध्ययनकक्ष, जलसंग्रह स्थान, शौचालय आदि का स्थान। शास्त्रों में वर्णित है कि गृहस्य जीवन के सारे श्रौत स्मार्त कार्य अपने घर में ही सम्पन्न होने से फलदायक होते हैं—

परगेहे कृताः सर्वाः श्रौत स्मार्तादिकाः क्रियाः।
निष्फलास्युर्यतस्तासामधीशः फलमश्नुते।। – भवि ० पु ०

हमारे चार आश्रमों में दूसरा आश्रम जिसे ‘गार्हस्थ्य’ कहते हैं, गृहस्थ-धर्म का पालन घर में रहकर ही सम्भव है – ‘गृहस्थस्य क्रियाः सर्वाः न सिद्ध्यन्ति गृहं विना‘ – भवि० पु०। गृहे तिष्ठति इति गृहस्थः अर्थात् घर में रहनेवाले को ही ‘गृहस्य’ की संज्ञा दी जाती है। दिनभर के कार्यों से थका मनुष्य जब अपने घर पहुँचता है तो वहाँ उसे परम विश्रान्ति और सुख की प्राप्ति होती है। गृहारम्भ में सबसे पहले भूमिपूजन के साथ शिलाओं का पूजन करने का विधान है। प्रस्तुत पुस्तक में शिलान्यास की अत्यन्त सरल विधि बताई गई है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Sampurna Shilanyas Paddhati (सम्पूर्ण शिलान्यास पद्धतिः)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Navigation
×