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Saral Sanskrit Vyakaran (सरल संस्कृत व्याकरण)

149.00

Author Dr. Dwarika Prasad Mishr Shastri
Publisher Chaukhambha Krishnadas Academy
Language Sanskrit & Hindi
Edition 2018
ISBN 81-218-0185-0
Pages 227
Cover Paper Back
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSSO0699
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Description

सरल संस्कृत व्याकरण (Saral Sanskrit Vyakaran) संस्कृत भाषा का व्याकरण वैज्ञानिक विधि से बनाये गये नियमों पर आधारित है। ये नियम सूत्र शैली द्वारा आठ अध्यायों में महाविद्वान् पाणिनि ने बनाये हैं। इसको अष्टाध्यायी कहते हैं। इसके आधार पर ही भट्टोजि दीक्षित ने वैयाकरणसिद्धान्तकौमुदी की रचना की। इन दोनों ग्रन्थों के द्वारा व्याकरण का ज्ञान होने में बहुत समय लगता है। सामान्य व्यक्ति को संस्कृत भाषा को थोड़े समय में सीखने के लिए एक सरल वैज्ञानिक विधि होनी चाहिये। इसमें संस्कृत के शब्दों की साधना प्रक्रिया को छोड़ देना उचित है क्योंकि इससे घबड़ा कर सीखने वाले व्यक्ति संस्कृत भाषा को कठिन बता कर सीखना छोड़ देते हैं।

संस्कृत भाषा के व्याकरण के नियमों द्वारा शब्दों का श्रेणीकरण किया गया है। इनके परस्पर सम्बन्धों को बताया गया है। व्याकरण उनके भिन्न प्रकारों के पहिचानने की रीति बताता है। संस्कृत का व्याकरण बहुत स्पष्ट है। इसको समझने पर संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त करने में सरलता होती है। अतः संस्कृत के शब्दों की श्रेणियों और उनके परस्पर सम्बन्धों को समझना चाहिए। विभिन्न श्रेणियों के शब्दों की साधना प्रक्रिया की क्षा कर देनी चाहिये। ऐसा ज्ञान प्राप्त करके इसका अभ्यास छोटी-छोटी संस्कृत की पाठ्यपुस्तकों, श्लोकों, गीता, मूल रामायण आदि को पढ़ते हुए प्रत्येक शब्द का अर्थ समझते हुए पूरे श्लोक का गद्यांश में अर्थ समझना चाहिये। इस पुस्तक को इसी उद्देश्य से लिखा गया है। यह व्याकरण की अन्य पुस्तकों से सर्वथा भिन्न है। न इसमें सूत्र है न लकार है। केवल प्रत्ययों को अपनाया गया है जो शब्दों का वैज्ञानिक विधि से श्रेणीकरण करते हैं। इस पुस्तक की रचना में सहायक ग्रन्थों, लेखकों और प्रकाशकों के प्रति मैं आभारी हूँ।

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