Saral Sanskritam (सरल संस्कृतम)
₹65.00
Author | Prayagdatt Chaturvedi |
Publisher | Uttar Pradesh Sanskrit Sansthan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2nd edition, 2011 |
ISBN | - |
Pages | 123 |
Cover | Paper Back |
Size | 21 x 0.5 x 13 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | UPSS0018 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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सरल संस्कृतम (Saral Sanskritam) विश्व-साहित्य में ऋग्वेद प्राचीनतम ग्रन्थ है। वेदों की रचना संस्कृत भाषा में हुई है। आधुनिक भाषा-वैज्ञानिकों ने भी भाषाशास्त्र की दृष्टि से संस्कृत को सभी भाषाओं में प्राचीन माना है। समस्त भारत की आञ्चलिक भाषाओं का भी उत्स संस्कृत ही है अतः प्रायः सभी भारतीय भाषाओं में संस्कृत शब्दों का प्रयोग मिलता है। यहाँ तक कि उर्दू भाषा में भी संस्कृत शब्द प्रयुक्त होते हैं ।
संस्कृत के इस व्यापक स्वरूप को ध्यान में रखकर प्रस्तुत ग्रन्थ का प्रणयन किया गया है, जिसमें संस्कृत को सरलता से सीखने की प्रक्रिया बताई गई है। इसकी प्रस्तावना में लेखक ने अंग्रेजी के कठिन शब्दों के ऐसे सरल और शीघ्र बोधगम्य संस्कृत पर्याय दिए हैं, जिनसे संस्कृत की सर्वगम्यता स्पष्ट होती है। कोमलमति छात्रों के लिए संस्कृत में सरल ग्रन्थ-लेखन का यह प्रयास श्लाघनीय है। ग्रन्य के लेखक श्री प्रयागदत्त चतुर्वेदी बधाई के पात्र हैं, जिनका यह प्रयत्न संस्कृत के प्रचार-प्रसार में अत्यन्त उपादेय है।
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