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Shadvargiya Kundali Swayam Bnaein (षड्वर्गीय कुंडली स्वयं बनाएँ)

80.00

Author Shri Dhar Shastri
Publisher Shastri Prakashan
Language Hindi
Edition 1st edition, 2018
ISBN -
Pages 104
Cover Paper Back
Size 17 x 0.5 x 23 (l x w x h)
Weight
Item Code SP0040
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Description

षड्वर्गीय कुंडली स्वयं बनाएँ (Shadvargiya Kundali Swayam Bnaein) यह पुस्तक भारत के रेखांश ८२.३० को मूल आधार मानकर लिखी गयी है। इसी रेखांश के आधार पर सूर्योदय-सूर्यास्त-दिनमान-आदि निकालने की विधि दी गयी है, किन्तु इधर प्रायः काशी के पंचाग से कुंडली बनायी जाती है। अतः नियमानुसार काशी और अपने जन्म नगर के अक्षांश-रेखांश के आधार पर तिथिमान नक्षत्र मान आदि में देशान्तरीय संस्कार करना पड़ता है। जैसे काशी में सूर्योदय पहले होगा और पाँच मिनट बाद प्रयाग में सूर्योदय होगा। कलकत्ता आदि पूर्वी क्षेत्रों में काशी से पहले सूर्योदय होगा।

काशी से प्रकाशित पंचांगों में काशी के अक्षांश-रेखांश के आधार पर दिनमान- तिथिमान-नक्षत्रमान लिखा जाता है। अतः यदि देशान्तरीय संस्कार नहीं किया जायगा तो भयात – भभोग आदि में अन्तर आ जायगा।

किन्तु यह विषय इतना कठिन है, कि इसे इस पुस्तक में नहीं दे पा रहा हूँ किन्तु इससे आपकी कुंडली की शुद्धता संदिग्ध नहीं होगी। केवल फलादेश पर प्रभाव पड़ेगा। जो आज होना है, वह १०-१५ दिनों बाद होगा। सम्प्रति आप इस जंजाल को छोड़कर इस पुस्तक के आधार पर कुंडली बनाएं और फलादेश लिखें। यह जानकारी इसलिए दे रहा हूँ, जिससे कोई दूसरा पंडित आपकी कुंडली की आलोचना नहीं कर सकेगा और आप भी इस विषय को जान सकेंगे।

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