Varshotsarga Shraddh Paddhti (वृषोत्सर्ग श्राद्ध पद्धति)
₹50.00
Author | Shri Dhar Shastri |
Publisher | Shastri Prakashan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 1st edition, 2019 |
ISBN | - |
Pages | 144 |
Cover | Paper Back |
Size | 13 x 0.5 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | SP0039 |
Other | Dispach in 1-3 days |
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वृषोत्सर्ग श्राद्ध पद्धति (Varshotsarga Shraddh Paddhti) प्रेतश्राद्ध में वृषोत्सर्ग का बहुत ही महत्व है। स्मृतियों-पुराणों में पृष्ठ-के-पृष्ठ वृषोत्सर्ग के माहात्म्य से भरे हुए हैं। साथ ही, वृषोत्सर्ग को विधि का भी उल्लेख है; किन्तु सभी गृह्यसूत्रों-पुराणों-स्मृतियों तथा धर्मशास्त्रों में हवन से वृष-उत्सर्ग तक को ही विधियाँ मिलती हैं, केवल प्रेतमंजरी में मण्डप पूजन, दिक्पाल पूजन-प्रेतमातृकाओं को पूजा, चतुर्दश यम पूजन आदि पूर्वाङ्गों का उल्लेख हैं। प्रेत- मंजरीकार ने किस आधार पर इन पूर्वाङ्गों को प्रक्रिया दी है; प्रेतमंजरीकार कौन है। प्रेतमंजरी कब लिखो गयी इसका कोई प्रामाणिक आधार नहीं मिलता है। जो भी हो, आज धर्म-समाज में प्रेतश्राद्ध के लिए प्रेतमंजरीं हो प्रामाणिक पद्धति मानी जाती है।
आज बाजार में प्रेत मंजरी, बृहत प्रेत मंजरी, प्रेत वल्लरी आदि विविध नामों से विविध टोकाओं के साथ प्रेतमंजरी बिक रही है; जिनमें पाठ भेद बहुत अधिक है-ऐसी स्थिति में सामान्य पण्डितों के लिए इन पद्धतियों से वृषोत्सर्ग-कृत्य करा लेना कठिन हो जाता है। इसी कठिनाई को दूर करने तथा बिना किसी अड़चन के विधिवत् सांगोपांग वृधोत्सर्ग कृत्य कराया जा सके, पृष्ठ पलटता चला जाय और क्रमबद्ध एक-एक कृत्य कराता जाय, पद्धतियों के पाठ-भेद कोई कठिनाई उपस्थित नहीं कर सकें एवं पद्धति प्रामाणिक हो इन सभी को दृष्टि में रख कर यह ‘वृषोत्सग श्राद्ध पद्धति” तैयार की गयी है, जिससे सामान्य पण्डितों को अवश्य सुविधा हो सकेगी।
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