Loading...
Get FREE Surprise gift on the purchase of Rs. 2000/- and above.
-20%

Upnayan Paddhati (उपनयन पद्धति)

48.00

Author Shri Vayunandan Mishra
Publisher Master Khiladilal Sanktha Prashad
Language Hindi & Sanskrit
Edition -
ISBN -
Pages 128
Cover Paper Back
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code SVP0010
Other Dispatched in 1-3 days

10 in stock (can be backordered)

Compare

Description

उपनयन पद्धति (Upnayan Paddhati) “उप-आचार्यसमीपे नयनं गुरुकुले विद्याध्ययनार्थ प्रापणम्-उपनयनम्” । अर्थात् विद्याध्ययन प्रा. प.के लिए गुरुकुल में पिता आदि के द्वारा अपने पुत्रादि को वेदाध्ययन अधिकार प्राप्ति के निमित्त आचार्य के समीप ले जाकर यज्ञोपवीत संस्कार कराने को उपनयन कहते हैं। जिसका विस्तृत विवेचन प्रस्तुत पुस्तक में किया गया है।

गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूडाकर्म, कर्णवेध, विद्यारम्भ, उपनयन, केशान्त, वेदारम्भ और समापवर्तन, विवाह तथा अन्त्येष्टि ये द्विजातियों के सोलह संस्कार शास्त्र-विहित है। इनके अन्तर्गत चूड़ाकर्म, कर्णवेध, उपनयन, वेदारम्भ और समावर्तन संस्कारों के कराने के लिए हिन्दी व्याख्या के साथ, लोकाचार सहित, विस्तृत, सरल-सुबोध एवं विधि- विधान सहित प्रयोग प्रस्तुत पुस्तक में दिये गये हैं। इन संस्कारों का निश्चित समय पर, शुभ मुहुर्त में; शास्त्रीय विधि द्वारा सम्पन्न होना परमावश्यक है। इससे दीर्घायु प्राप्ति, बुद्धि, विद्या, एवं तेज शक्ति की वृद्धि होती है।

उपनयन संस्कार के समय-निर्णय के सम्बन्ध में कहा गया है।

“गर्भाऽष्टमेऽब्दे कुर्वीत ब्राह्मणस्योपनायनम् । गभदिकादशे राज्ञो गर्भात्तु द्वादशे विशः ।।” – मनु०, अ० २, श्लोक ३६

अर्थात् ब्राह्मण का उपनयन संस्कार गर्भ के आठवें वर्ष में, क्षत्रिय का गर्भ से ग्यारहवें वर्ष में एवं वैश्य का गर्भ से बारहवें वर्ष में करना चाहिए।

प्रस्तुत उपनयन-पद्धति के प्रणेता कर्मकाण्ड के मूर्धन्य विद्वान् स्व० पं० श्रीवायुनन्दनजी प्रा. प. मिश्र है। इन्होंने कर्मकाण्ड-साहित्य की सैकड़ों पुस्तकें लिखी हैं, जो कर्मकाण्डियों एवं पौरोहित्य कर्म कराने वाले साधारण विद्वानों के लिए भो विशेष उपयोगी सिद्ध हुई हैं। इस ‘उपनयन-‘ पद्धति’ की उपयोगिता तो इसी से सिद्ध है कि इसके अनेक संस्करण हो गये और प्रस्तुत संशोधित सम्पादित नव-संस्करण आपके हाथों में है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Upnayan Paddhati (उपनयन पद्धति)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Navigation
×