Vedo Me Rajniti Shastra (वेदो में राजनीतिशास्त्र)
₹340.00
Author | Dr. Shri Kapil Dev Dvivedi |
Publisher | Vishv Bharti Anusandhan Parishad |
Language | Hindi |
Edition | 2009 |
ISBN | 978-81-85246-38-3 |
Pages | 352 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | VBRI0020 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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वेदो में राजनीतिशास्त्र (Vedo Me Rajniti Shastra) वेद विश्व-संस्कृति के आधार स्तम्भ है। आदिकाल से ही वेद मानवजाति के लिए प्रकाश स्तम्भ रहे हैं। वेदों में ज्ञान और विज्ञान का अनन्त भण्डार विद्यमान है। राजनीतिशास्त्र मानव-जीवन का एक अभिन्न अंग है। राष्ट्र, जाति और समाज की सुरक्षा, प्रजा का हित, विकास कार्य, वैज्ञानिक उन्नति आदि सभी कार्य राज्य के स्वच्छ और कुशल प्रशासन पर निर्भर है। चारों वेदों में राजनीतिशास्त्र से संबद्ध सैकड़ों मंत्र है, जिनसे राजनीतिशास्त्र के विभिन्न अंगों पर पर्याप्त प्रकाश पड़ता है। इस ग्रन्थ में उन सभी तथ्यों का पूर्णरूप से संकलन और विवेचन किया गया है।
विषय की दृष्टि से ग्रन्थ को १७ अध्यायों में विभक्त किया गया है। इनमें विशेष उल्लेखनीय है- राज्य उत्पत्ति-विषयक सिद्धान्त, राज्य का स्वरूप, उद्देश्य और कार्य, राज्य के विविध अंग, राजा का निर्वाचन और राज्याभिषेक, राजा के कर्तव्य, संविधान और विधि निर्माण, विविध शासन प्रणालियों, राज्यप के प्रमुख संचालक, प्रमुख संस्थाएं-सभा समिति, विदध, संसद एवं सेना, अर्थव्यवस्था, न्याय और दंड-विधान, दूत और गुप्तचर-व्यवस्था, राज्य की सुरक्षा और सैन्य व्यवस्था, विविध शस्त्रास्त। साथ ही तुलनात्मक अध्ययन के लिए महाभारत शान्तिपर्व, कौटिलीय अर्थशास्त्र एवं शुक्रनीति आदि से अत्यन्त उपयोगी सामग्री भी यधास्थान संकलित की गई है। पद्मश्री डा कपिलदेव द्विवेदी की गणना वेदों के अग्रणी विद्वानों में की जाती है। प्रस्तुत शोध-पूर्ण ग्रन्थ से लेखक की मौलिक प्रतिभा का दर्शन होता है। येद-प्रेमियों एवं राजनीतिशास्त्र के पाठकों के लिए यह अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और संग्रहणीय ग्रन्थ है।
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