Vidura Niti (विदुरनीतिः)
₹85.00
Author | Jagannath Shastri Hosinga |
Publisher | Chaukhambha Sanskrit Series Office |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2018 |
ISBN | 978-81-7080-277-6 |
Pages | 160 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0738 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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विदुरनीतिः (Vidura Niti) हिन्दू ग्रंथों में दिये जीवन-जगत के व्यवहार में राजा और प्रजा के दायित्वों की विधिवत नीति की व्याख्या करने वाले महापुरुषों ने महात्मा विदुर सुविख्यात हैं। ‘विदुर नीति’ महाभारत का एक अत्यन्त प्रसिद्ध और परम उपादेय प्रसंग है, इसमें महामना विदुर जी ने राजा धृतराष्ट्र को लोक-परलोक में कल्याण करने वाली बहुत-सी बातें समझायी हैं। उद्योग पर्व के आठ अध्याय ३३ वेंसे ४० वेंतक इस प्रसंग के हैं। विदुर नीति पर संस्कृत टीकाएँ भी हैं। इसमें व्यवहार, बर्ताव, नीति, सदाचार, धर्म, सुख-दुःख-प्राप्ति के साधन, त्याज्य और ग्राह्य गुणों तथा कर्मों का निर्णय, त्यागकी महिमा, न्यायका स्वरूप, सत्य, परोपकार, क्षमा, अहिंसा, मित्र के लक्षण, कृतघ्न की दुर्दशा, निर्लोभता आदि का विशद वर्णन करते हुए राज धर्म का सुन्दर निरूपण किया गया है। यह पुस्तक अपठित, विद्वान्, तरुण, वृद्ध, बालक, स्त्री, शासक, प्रजा, धनी, गरीब, विद्यार्थी, शिक्षक, सेवावर्ती और शुद्ध तथा सुखी जीवन का निर्माण चाहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के काम की है। श्लोकों का अर्थ बड़ी सरल भाषा में किया गया है। आशा है, इससे भारत के सभी वर्गों तथा श्रेणियों के नर-नारी लाभ उठावेंगे।
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