Kashyap Jatakam (कश्यप जातकम्)
₹106.00
Author | Abhay Katyayan |
Publisher | Chaukhamba Krishnadas Academy |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2011 |
ISBN | 978-81218-0301-4 |
Pages | 150 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0275 |
Other | Dispatched in 3 days |
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कश्यप जातकम् (Kashyap Jatakam) महर्षि कश्यप के नाम से ज्योतिष ग्रन्थों में स्थान-स्थान पर संहिता तथा जातक सम्बन्धी श्लोक विपुल प्रमाण में मिलते हैं। वे ज्योतिषशास्त्र की बहुमूल्य थाती हैं। अतः उनका चयन होरारत्न तथा वृहद् दैवज्ञरंजन आदि ज्योतिष ग्रन्थों से करके उनमें जो जातक सम्बन्धी वचन हैं उन्हें ‘कश्यप जातकम्’ नाम से संगृहीत कर मूलपाठ को सम्पादित किया गया है। तत्पश्चात् उनकी हिन्दीटीका की गई है। हिन्दी टीका को सरल सुबोध तथा युगानुकूल रखा गया है जिससे ग्रन्थ का आशय भली प्रकार से स्पष्ट हो रहा है। ‘कश्यप जातकम्’ में कुल चौदह अध्याय हैं जिनमें प्रारंभ के दो अध्यायों में नक्षत्रफल, ग्रहयोग तथा आयु आदि का वर्णन तथा तीसरे अध्याय से लेकर चौदहवें अध्याय तक ग्रहों की १२ प्रकार की स्थिति का बारहों भावों में जो विशेष फल होता है। वह लिखा गया है जो कि ज्योतिष के किसी अन्य ग्रन्थ में उपलब्ध नहीं है। इस लघुग्रंथ में लगभग २६० श्लोक हैं जिनमें गागर में सागर भरा हुआ है। इस प्रकार यह ग्रन्थ जन्मपत्रिका का फलादेश लिखने एवं कहने वाले दैवज्ञों के लिए बहुत उपयोगी है।
कश्यप ऋषि महाभारत के समय विद्यमान् थे। अतः इनका समय आज से पाँच सहस्रवर्ष से अधिक पूर्व का सिद्ध होता है। आशा है इस प्राचीन ज्ञान से ज्योतिषी पाठक लाभान्वित होंगें।
या वा मानव धर्मत्वाद् या वा मद् दृष्टिदोषतः ।
मुद्रणेवा त्रुटिर्जाता संशोध्या सा महाशयैः ।।
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