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Manushyalay Chandrika (मनुष्यालयचंद्रिका)
₹178.00
Author | Prof. Kaushalendra Panday |
Publisher | Bharatiya Vidya Prakashan |
Language | Sanskrit |
Edition | 2022 |
ISBN | 978-93-91512-05-7 |
Pages | 42 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | TBVP0393 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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मनुष्यालयचंद्रिका (Manushyalay Chandrika) ‘मनुष्यालयचन्द्रिका’ वास्तुशास्त्र की परवर्ती परम्परा में की गई रचना है। इसके सात अध्यायों में मनुष्योचित आवासादि का सारपूर्ण प्रतिपादन है जो इसे विशिष्टता प्रदान करता है। सन् १९१७ ई० में त्रिवेन्द्रमसंस्कृत सीरीज में इसका प्रथम प्रकाशन हुआ। म०म० टी० गणपतिशास्त्री इसके सम्पादक थे। इस ग्रन्थ के रचनाकार के सम्बन्ध में विद्वानों ने अनुसन्धानादि से श्री नीलकण्ठ को इसका प्रणेता माना है। नीलकण्ठ सोलहवीं शताब्दी में केरल में हुए। अतः इस ग्रन्थ की भी रचना उसी समय हुई होगी। इसे द्रविड़ वास्तुशास्त्रीय परम्परा का ग्रन्थ माना गया है।
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