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Rahim Granthavali (रहीम ग्रन्थावली)

235.00

Author Vidya Nivas Mishra
Publisher Vaani Prakashan
Language Hindi
Edition 2022
ISBN 978-93-87024-86-1
Pages 183
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code MP0015
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SKU: MP0015 Category: Tags: ,
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Description

रहीम ग्रन्थावली (Rahim Granthavali) ‘रहीम-ग्रन्थावली’ ‘रसखान-रचनावली’ के बाद एक विशेष ग्रन्यमाला के क्रम में हाथ में ली गयी। मध्यकाल के बहुत से ऐसे कवि हैं, जिनकी काव्यभूमि बड़ी व्यापक है और जिनकी संवेदना जनमन-स्पर्शिनी है, पर ये कवि लोकप्रिय होते हुए भी काव्यजगत् में अभी उचित रूप में समादृत नहीं हुए हैं, क्योंकि इनकी ऐतिहासिक भूमिका को ठीक तरह समझा नहीं गया है। इन कवियों की प्रमुख ऐतिहासिक भूमिका यह है कि इन्होंने मज़हब से ऊपर उठकर मानव भाव को परखा है और दरबारी परिवेश में पले होकर भी जनजीवन ‘ में ये पगे हुए हैं। रहीम की रचनाएँ कई बार कई स्थानों से छपीं, जिनका विवरण अन्त में दे दिया गया है, पर अभी तक समग्र संकलन नहीं छपा था, इसलिए पूर्व सामग्री को समाविष्ट करते हुए नूतन सामग्री (जो पांडुलिपियों से प्राप्त हुई) जोड़कर यह संकलन तैयार किया गया है। इसमें विस्तृत भूमिका और शब्दार्थ टिप्पणी जोड़ी गयी हैं।

पूर्व प्रकाशित सामग्री का बहुत बड़ा भाग हमें आगरे के चिरंजीव पुस्तकालय से प्राप्त हुआ, इसके लिए हम श्री देवराज पालीवाल के कृतज्ञ हैं। संकलन डॉ. गोविन्दप्रसाद शर्मा रजनीश ने तैयार किया और विभिन्न स्रोतों से सामग्री लेकर उन्होंने परिश्रमपूर्वक जीवन-चरित भी भूमिका के रूप में प्रस्तुत किया। उन्हें मैं साधुवाद देता हूँ। वाणी प्रकाशन ने सुरुचिपवूक इसे प्रकाशित किया, उनके प्रति आभारी हूँ। ‘रहीम-ग्रन्थावली’ हिन्दी के एक बहुत बड़े पाठक समुदाय की आकांक्षा की पूर्ति है, हमें इसके प्रकाशन से बहुत परितृप्ति मिली है। हमें विश्वास है कि यह ग्रन्थावली रहीम के पुनर्मूल्यांकन के लिए प्रेरणा देगी।

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