Ramal Jyotish Sangrah (रमल ज्योतिष संग्रह)
₹212.00
Author | Gopal Swarup Chaturvedi |
Publisher | Kamal Prakashan Mandir |
Language | Hindi |
Edition | 2021 |
ISBN | - |
Pages | 256 |
Cover | Paper Back |
Size | 13 x 1 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | KPM0021 |
Other | Dispatched In 1 - 3 Days |
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रमल ज्योतिष संग्रह (Ramal Jyotish Sangrah) ज्योतिष शास्त्र में रमल शास्त्र का ज्ञान अब लुप्त प्राय हो गया है। इसका मूल कारण है कि अधिकांश पुस्तकें उर्दू व फारसी में ही हैं और अब वे भी अनुपलब्ध हैं। इन भाषाओं का ज्ञान भी बहुत कम ज्योतिष के जिज्ञासुओं को है। हिन्दी और संस्कृत भाषा में केवल ‘रमल रहस्य’ और ‘रमल नवरत्न’ ही उपयोगी पुस्तक है।
बीरबल रचित ‘रमल गुलज़ार’ के प्रयोग असम्भव ही हैं। उसमें बतायी हुई प्रक्रिया से किसी प्रश्न का उत्तर नहीं मिलता। ‘रमल दिवाकर’ और ‘रमल दिवाकर की कुंजी’ नामक पुस्तकों में केवल बिन्दु चलन के नियमों की व्याख्या है और कोई विशेष गहराई नहीं है। ‘रमल प्रश्नोत्तर’ और प्राचीन रमल शास्त्र में नाम के अतिरिक्त कोई समानता नहीं है।
रमल शास्त्र का महान ग्रन्थ मुंशी रघुवीर सिंह विरचित ‘रमल सुर्खाब’ है। यह उर्दू में है और अब इसका मिलना यदि असम्भव नहीं तो कठिन अवश्य है। पं० गिरधारी लाल शर्मा, सियालकोटी, द्वारा लिखी हुई मुखबिर-ए-तक़दीर भी बहुत उपयोगी है। उनकी महान पुस्तक ‘जाम-ए-उल-रमल’ एक अद्भुत ग्रन्थ है। प्रश्न ज्योतिष में ऐसा ग्रन्थ नहीं मिलता। इसमें दिये हुए प्रश्नों के उत्तर सटीक व सही साबित होते हैं। ‘रमल शास्त्र’ की सेवा के रूप में मैने यह पुस्तक लिखी है। ज्योतिष प्रेमी इस विद्या का प्रयोग करेंगे और लाभ उठायेंगे। यह विद्या पुनः ज्योतिष जगत में अपना उचित स्थान प्राप्त कर लेगी।
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