Shashwati Geeta (शाश्वती गीता)
₹426.00
Author | Dr. Kavindra Narayan Shrivastav |
Publisher | Railway Time Teble Office |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2023 |
ISBN | 978-81-964624-0-6 |
Pages | 348 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | RTP0166 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
10 in stock (can be backordered)
CompareDescription
शाश्वती गीता (Shashwati Geeta) आज के समय में कोई भी कवि केवल आसमानी उड़ानों के बल पर कविता की धरती पर पैर नहीं टिका सकता, उसका केवल वर्तमान के प्रति जागरूक होना भी पर्याप्त नहीं है, उसे मनुष्य द्वारा आदिकाल से अच तक की जा चुकी यात्रा का लेखा-जोखा रखते हुए भविष्य की आकलनात्मक सोच भी रखनी पड़ती है। कविता के विषय में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय के उक्त कथन की दृष्टि से कवि, गजलकार डॉ. कवीन्द्र जी द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता का ‘शाश्वती गीता’ नाम से हिन्दी में किया गया काव्यानुवाद अक्षरशः खरा उतरता है।
कवीन्द्र जी ने इस काव्यानुवाद में केवल आसमानी उड़ान नहीं भरी है, बल्कि एक जागरूक, सहृदय व्यक्ति की भाँति भविष्य का आकलन करते हुए प्राचीन धर्म दर्शन का लेखा जोखा प्रस्तुत किया है। श्रीमद्भगवद्गीता को पढ़ते समय संस्कृत के अनभिज्ञ व्यक्ति को उसके दर्शन को समझना दुष्कर होता है, किन्तु कवीन्द्र जी की शाश्वती गीता को पढ़कर गीता के सम्पूर्ण दर्शन-कर्म योग, ज्ञान योग और भक्ति योग को बड़ी आसानी से समझा जा सकता है। इनके काव्य में मैथिलीशरण गुप्त, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ के काव्य जैसा आनन्द आता है। शाश्वती गीता के काव्य में गेयता का भी सुख मिलता है। सबसे बड़ी बात यह है कि संस्कृत के शब्दों का हिन्दी रूपान्तरण भी बहुत सटीक हुआ है। कहीं अगर क्लिष्ट शब्द आया भी है तो उनका अर्थ भी प्रस्तुत कर दिया गया है। इस काव्य ग्रन्थ को पढ़ते समय ऐसा लगता है मानों कवि की लेखनी को किसी दैवी शक्ति ने ही संचालित किया है। यह ग्रन्थ श्रीमद्भगवद्गीता में रुचि रखने वालों के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा।
Reviews
There are no reviews yet.