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Shree Garud Puran (श्री गरुड पुराण)

51.00

Author Shri Ram Ji Sharma
Publisher Shri Durga Pustak Bhandar Pvt. Ltd.
Language Hindi & Sanskrit
Edition -
ISBN -
Pages 216
Cover Paper Back
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code SDPB0003
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Description

श्री गरुड पुराण (Shree Garud Puran) गरुड़ पुराण, हिन्दू धर्म के 18 पवित्र पुराणों में से एक है। यह वैष्णव सम्प्रदाय से जुड़ा हुआ एक महापुराण है। इसे भगवान श्री हरि विष्णु का पुराण माना जाता है। गरुड़ पुराण में जन्म, मृत्यु, पुनर्जन्म, कर्म, आत्मा, पाप-पुण्य, नीति-नियम, धर्म और ज्ञान से जुड़ी बातें बताई गई हैं। साथ ही, इसमें मृत्यु के बाद आत्मा के मनुष्य योनि और प्रेत योनि में जाने के बारे में भी बताया गया है। गरुड़ पुराण की रचना संस्कृत में की गई थी। आज यह गुजराती और अंग्रेज़ी जैसी कई भाषाओं में उपलब्ध है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और पक्षीराज गरुड़ के बीच जीवन-मरण और पुनर्जन्म को लेकर हुई बातचीत का वर्णन किया गया है। इसमें भगवान विष्णु ने गरुड़ की जिज्ञासा शांत करते हुए उन्हें जो ज्ञानमय उपदेश दिया था, उसका विस्तृत विवेचन किया गया है। गरुड़ के माध्यम से ही भगवान विष्णु के श्रीमुख से मृत्यु के बाद के गूढ़ और परम कल्याणकारी वचन प्रकट हुए थे,गरुड़ पुराण में व्यक्ति के अलग-अलग कर्मों के लिए अलग-अलग दंड निर्धारित किए गए हैं।

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