Vidagdha Madhvam (विदग्धमाधवम्)
₹127.00
Author | Shree Pt. Ramakant Jha |
Publisher | Chaukhmabha Sanskrit Series Office |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 1970 |
ISBN | - |
Pages | 376 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0715 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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विदग्धमाधवम् (Vidagdha Madhvam) श्री रूपगोस्वामि-प्रणीत ‘विदधमाधव’ नाटक का यह नूतन संस्करण सुधीजन की सेवा में प्रस्तुत करते हुये अपार हर्ष हो रहा है। मूल संस्कृत ग्रन्थों को राष्ट्रमापा के माध्यम से जनमानस के समक्ष उपस्थित करना टीकाकार की हार्दिक भावना है। इसी पवित्र उद्देश्य से प्रेरित होकर यथाशक्ति सुरभारती-सेवा का प्रयास चल रहा है। इस कार्य में चौखम्बा संस्कृत संस्थान का योगदान सराहनीय है। संस्कृत टीका के अभाव में वर्तमान लोफरुचि को ध्यान में रखकर हिन्दी टीका के लिए यह आवश्यक था कि उसका स्वरूप व्याख्यात्मक हो, परन्तु अनुवाद में व्याख्या का सचिवेश प्रवाह में कहीं बाधक न हो जाय अतः मूल पन्थ का हिन्दी अनुवाद करके अपेक्षित व्याख्या के लिए ‘विमर्श’ शीर्षक की पृथक् योजना के माध्यम से ग्रन्थ के अभिप्राय को व्यक्त किया गया है। भूमिका के लिए अपेक्षित सामग्री की यथासाध्य उपलब्धि के कारण उसका कलेवर पल्लवित होकर पाठकों के लिए अधिक उपादेय सिद्ध होगा, ऐसा विश्वास है। इस प्रसंग में जिन विद्वानों की विचार-सम्पत्तियों का आश्रय ले सका, उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करना पुनीत कर्तव्य है।
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