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Vipareet Pratyangira Stotram (विपरीतप्रत्यङ्गिरा स्तोत्रम्) – 471

25.00

Author Acharya Pt. Shivdatt Mishr
Publisher Rupesh Thakur Prasad Prakashan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 2005
ISBN 471-542-2392546
Pages 64
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code RTP0172
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Description

विपरीतप्रत्यङ्गिरा स्तोत्रम् (Vipareet Pratyangira Stotram) शुद्ध पुस्तक से शुद्ध पाठ-पूजा और अनुष्ठान करने से ही पाठकर्ता साधक तथा यजमान का कल्याण एवं शीघ्र फल प्राप्ति सम्भव है। पाठ के साथ पाठ करने वाले को अर्थानुसन्धान भी होना आवश्यक है। इससे देवताओं में पूर्ण श्रद्धा-भक्ति जागृत होती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही प्रस्तुत स्तोत्र का यथा-साध्य शुद्ध एवं हिन्दी टीका के साथ आधुनिक ढंग से संशोधन-सम्पादन कर सर्वोत्तम संस्करण निकालने की चेष्टा की है।

इसमें सर्वप्रथम विनियोग, करन्यास, हृदयादिन्यास, दिग्बन्धन और जप के लिए विपरीत प्रत्यङ्गिरा मन्त्र का उल्लेख है। तत्पश्चात् विपरीत प्रत्यङ्गिरा साधन का विधान और स्तोत्र है। इसके पाठ एवं जप से साधकों को शीघ्र सिद्धि प्राप्त होती है और शत्रुओं का विनाश होता है।

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