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Vivah Paddhati (विवाह पद्धति)

63.00

Author Pt. Vayunandan Mishr
Publisher Master Khiladilal Sankhta Prashad
Language Sanskrit & Hindi
Edition -
ISBN -
Pages 128
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code RTP0154
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Description

विवाह पद्धति (Vivah Paddhati) ब्राह्म, आर्ष, प्राजापत्य, आसुर, गान्धर्व, राक्षस एवं पैशाच इन आठ प्रकार के विवाहों में ब्राह्म विवाह सर्वश्रेष्ठ धार्मिक एवं महत्त्वपूर्ण माना गया है। इसी के द्वारा सम्पन्न दाम्पत्य जीवन सुखमय, सुसन्तति प्रदान करने वाला और स्थायित्वपूर्ण होता है। ‘विवाह’ सनातनधर्म एवं हिन्दूसमाज का एक आवश्यक एवं पवित्र संस्कार है। विवाह के पूर्ववर्ती अनेक संस्कारों का होना न होना या किञ्चित् परिवर्तन के साथ होना, यह क्षेत्र-विशेष की विभिन्न जातियों या वर्णों के कुलाचार या अपनी परम्परा पर निर्भर करता है। विवाह में स्थानविशेष या जातिविशेष के कुछ अलग रीति-रिवाजों के होने पर भी इस संस्कार की आत्मा में अनादिकाल से सर्वत्र एकरसता और एकरूपता देखी जाती है। विवाह हिन्दू जाति के चारों वर्णों, गिरिवासियों, वनवासियों तक में थोड़े बहुत परिवर्तन के साथ एक प्रमुख सामाजिक कड़ी के रूप में विद्यमान है। उनके जीवन में दाम्पत्यसम्बन्ध आध्यात्मिक तथा सामाजिक रूप से एक पवित्र अनुष्ठान के रूप में मान्यताप्राप्त है। यह एक ऐसा विधान है जो दो आत्माओं को एक बनाता है, दो दिलों को एक साथ धड़काता है तथा दो प्राणों के द्वैत को समाप्त कर एकत्व का भान कराता है।

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