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Manushyalaya Chandrika (मनुष्यालयचन्द्रिका)

297.00

Author Shailja Pandey
Publisher Chaukhamba Surbharati Prakashan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 2022
ISBN 978-93-85005-51-0
Pages 174
Cover Hard Cover
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSP0523
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Description

मनुष्यालयचन्द्रिका (Manushyalaya Chandrika) गृहनिर्माण के विवेचक वास्तुशास्त्र का निःसीम ज्ञान संस्कृत साहित्य में समाहित है। मूलतः वेदों से समुद्भूत वास्तुशास्त्र का परवर्ती पुराणों एवं आगमों में पल्लवित स्वरूप दृगोचर होता है। इस विशाल शास्त्र को हृदयङ्गम कर पाना अत्यन्त ही दुष्कर है; और यही कारण है कि इसके मुख्य मुख्य विषयों को आधार बनाकर विभिन्न मनीषियों द्वारा अनेकानेक ग्रन्थों का प्रणयन किया गया है। फिर भी वे सभी ग्रन्थ सामान्य जन के लिये शंका-निवारक न होकर भ्रमोत्पादक ही सिद्ध होते रहे हैं।

इस क्रम में नीलकण्ठ-प्रणीत ‘मनुष्यालय-चन्द्रिका’ ही एकमात्र ऐसा लघुकाय ग्रन्थ है, जो वास्तु से सम्बद्ध विषयों को स्पष्टतापूर्वक प्रतिपादित करने वाला है एवं सर्वजनसंवेद्य है। इसमें भू-परीक्षा, भूमि की भौगोलिक स्थिति, शङ्क द्वारा दिङ्-निर्धारण, भूमि-मापन, मापन में प्रयुक्त विभिन्न प्रकार के मानक, गृह के अधिष्ठान-प्रणाल-स्तम्भ स्तम्भाधारित आच्छादन, शिखर-निर्माण, शीर्ष निर्माण में दाक्षिणात्य स्थापत्य-परम्परा, द्वार, कपाट, अर्गला, कील, उपद्वारा, विभिन्न कक्ष, कूप, तडाग आदि का स्पष्टतया विवेचन किया गया है। इस प्रकार अतीव उपयोगी इस ग्रन्थ को श्रीमती शैलजा पाण्डेय जी ने जनसामान्य की भाषा में अनूदित कर और भी उपयोगी बना दिया है। अतीव स्पृहणीय, संग्रहणीय एवं पठनीय यह ग्रन्थ अवश्य ही वास्तुविदों के लिये लाभकारी है।

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