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Dharma Sindhu (धर्मसिन्धु)

800.00

Author Sri Pt. Mihir Chandra
Publisher Khemraj Sri Krishna Das Prakashan, Bombay
Language Sanskrit & Hindi
Edition 2020
ISBN -
Pages 800
Cover Hard Cover
Size 17 x 4 x 24 (l x w x h)
Weight
Item Code KH0022
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Description

धर्मसिन्धु (Dharma Sindhu) उन उन संस्कार, उपवास, वत, आह्निककृत्य, अग्निहोत्र, श्रतिकर्म और स्मार्तकचं, पुरुषका अंतःकरण और देह आदिककी शोधकता, सत् आचारको प्रतिपादकता और दोनों लोकोंको शुद्धिकी उत्पन्नता सर्वजनोंको प्रसिद्ध है। इसलिये संस्कार आदि मुहूर्त, समय, देश, काल, कत्र्तव्यता इत्यादिका बोधक धर्मशास्त्र ग्रंच आवश्यक है। इसो कारण अनेक महवियोंको निर्माण को हुई स्मृतियोंके वाक्योंको अनुसरण करके विद्वद्धरोंने निर्णयसिन्धु, अपरार्क आदि ग्रंथ संग्रह किये है। उन कुछ ग्रंथोंके अति विस्तृत होनेसे और कुछ के अतिकठिन होनेसे अल्पविद्वानोंको विना प्रयासके अभीष्ट बोध नहीं हो सकता। इसलिये विद्वद्धर काशीनाथजीले धर्मसिधू नामक यह धर्मशास्त्रका सरन ग्रंथ उस शैलीसे रचा है कि, जिसते निर्भयनिधुके गुढ अर्योको साधारण विद्वान् भी सुगमतासे जान सकें। इसके बोधके लिये भी संस्कृतमाता हो होनेके कारण भाषामात्रके जाननेवालोंको अभिलाषा पूत्तिके लिये ‘इसको भी कठिनता है’ ऐसा अभि प्राय समझकर धर्मजिज्ञासुजनोंके अर्थ श्रीखेमराजश्रेष्ठिने अपनी अनुमति मुझको दी कि इस ग्रंथका भाषानुवाद होना उचित है आप करें’, इस प्रेरणासे मैने यथामति माषानुवाद करके विद्वानोंके दृष्टिपथमें निवेदनपूर्वक उक्त धेष्ठिके समीप मेजा है। विद्वानोंको व्यादष्टि करके यह कहों युति हो तो शुद्ध करना और ग्रहण करना चाहिये, यह मेरो प्रार्थना है।

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